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माँ दुर्गा श्लोक (या देवी सर्वभुतेषु) अर्थ सहित हिंदी में | Maa Durga Shlokas with Hindi Meaning

श्लोक 1

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या देवी सर्वभुतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

भावार्थ :- पुरे विश्आव में माँ रूप में रहने वाली हे देवी माँ, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 2

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या देवी सर्वभुतेषु शांति रूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

भावार्थ :- जो देवी सब प्राणियों में शान्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है ।

 

श्लोक 3

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या देवी सर्वभुतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

भावार्थ :- जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है ।

 

श्लोक 4

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या देवी सर्वभुतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

भावार्थ :- जो देवी सब प्राणियों में बुद्धिरूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है ।

 

श्लोक 5

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या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- विष्णु माया (मोह) शब्द के जाने जानी वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||


श्लोक 6

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या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में चेतना के रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 
श्लोक 7

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या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में निद्रा (नींद) रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 
श्लोक 8

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या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में क्षुधा (भूख) के रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है |

 

श्लोक 9

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या देवी सर्वभूतेषुच्छायारूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में छाया रूप में रहने वाली हे देवी,आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 10

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या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- जो देवी सभी जीवों में तृष्णा (इक्षा / आशा) रूप में रहती है, उनको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 11

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या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में क्षमा रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 12

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या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जगह जाति रूप में उपस्थित रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 13

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या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी प्राणियों में लज्जा रूप में रहने वाली हे देवी माँ, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 14

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या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी प्राणियों में श्रद्धा रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 15

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या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी प्राणियों में कांति ( रूप / सुन्दरता / उर्जा ) रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 16

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या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- इस विश्व में लक्ष्मी के रूप में हर जगह रहने वाली हे देवी माँ, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 17

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या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- हर जगह वृति ( नौकरी/ कार्य / व्यवसायव्य इत्यादि) रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 18

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या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी प्राणियों में स्मृति (याददास्त) के रूप में रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 19

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या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में दया रूप में उपस्थित रहने वाली हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक 20

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या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- सभी जीवों में सन्तुष्टि (तुष्टि) रूप से रहने वाली हे देवी माँ, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

श्लोक  21

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या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता॥
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भावार्थ :- पुरे विश्व में भ्रान्ति (अपवाह ) के रूप में फैली हुई हे देवी, आपको हमारा नमस्कार है , आपको हमारा नमस्कार है , आपको बार -बार नमस्कार है ||

 

 

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